शिमला: न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश का पद मिला। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को रात में इसकी घोषणा की। 7 अगस्त, 1989 को वकील के रूप में पंजीकृत हुए न्यायमूर्ति रामचंद्र का चुनाव सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने किया। उनका पूर्व मुख्य न्यायधीश (सीजे) एए सैयद सेवानिवृत होने के बाद, कॉलेजियम ने उन्हें सीजे के पद पर सुझाव दिया। हाल ही में, कार्यपालक मुख्य न्यायधीश (सीनिए) न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायिक सेवा प्रमुख हैं।
एमएस रामचंद्र राव ने 1991 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। उन्होंने अपने मास्टर्स के लिए कैंब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट व कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और इनर टेंपल के स्कॉलरशिप ट्रस्ट की पेगासस स्कॉलरशिप प्राप्त की। उनके पिता, न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव, भी एक प्रसिद्ध न्यायाधीश थे।
रामचंद्र राव वर्ष 2012 में बने थे न्यायाधीश
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव का 2012 में आंध्र प्रदेश में नियुक्ति हुई थी। 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन होने के बाद, उन्होंने तेलंगाना को अपना मूल न्यायालय बनाया। 2021 में उन्हें पंजाब व हरियाणा के उच्च न्यायालय में भेजा गया, जहां वह अभी भी काम करते हैं।
अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश