जयपुर। राजस्थान में प्रेसर पॉलिटिक्स जारी है, एक बार फिर से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थक एक बार फिर से आमने-सामने हैं. विधायकों के बीच बयानबाजी हो रही है. असल में, जयपुर में गहलोत के समर्थन में निर्दलीय विधायकों की बैठक से पहले दोनों पक्षों के बीच में टकराव की वजह बना है, निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा का सचिन पायलट को बाहरी कहना. इसके बाद दोनों पक्षों से विधायकों और नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है।पायलट समर्थक नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि पायलट बाहरी ही नहीं भारी है, गीदड़ मिलकर शेर से मुकाबला करना चाहते हैं लेकिन कर नहीं पाएंगे. राजस्थान में बीएसपी से कांग्रेस में आए विधायकों के बाद निर्दलीय विधायक भी अशोक गहलोत के समर्थन में खुलकर मैदान में आ गये।
वह भी सचिन पायलट पर जमकर हमला कर रहे हैं. निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट बाहरी हैं, यूपी के हैं. यूपी लौट जाएं, राजस्थान में उनका कोई काम नहीं।
जब तक राजस्थान में रहेंगे कांग्रेस पार्टी को नुकसान करेंगे।
मीणा ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट एक बार फिर गहलोत सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं. एक और पायलट समर्थक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि सचिन पायलट का परिवार 42 साल से राजस्थान में सियासत कर रहा है. फिर बाहरी कैसे. दावा किया की इकलौता पायलट परिवारी है, जिसने राजस्थान में कई सीटों से चुनाव लड़ा जीत दर्ज की. कांग्रेस पार्टी का जनाधार भी बढ़ाया. ऐसा कोई दूसरा नेता कांग्रेस में नहीं है।दरअसल गहलोत गुट की रणनीति में है कि पायलट को बाहरी बताकर पायलट को राजस्थान कांग्रेस में किनारे किया जाए. जिससे पायलट का सत्ता संगठन में भागीदारी का दांव कमजोर होगा. लेकिन पायलट ये जानते हैं किस वार का किससे पलटवार करना. इससे पहले पायलट को गद्दार कहा था. बीएसपी से कांग्रेस आए विधायकों ने पायलट गुट के पलटवार के बाद वह बैकफुट पर आ गए थे।
शुभम जोशी