कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। ऐसे में सभी को इंतजार है कि बच्चो के लिए कोरोना की वैक्सीन कब बनकर तैयार होगी। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि 2 साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों के लिए सितंबर तक देश में कोवैक्सिन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को हरी झंडी मिल जाती है तो वह भी बच्चों के लिए वैक्सीन का एक विकल्प हो सकता है।यह 7 जून को शुरू हुई और इसमें 2 से 17 साल की उम्र के बच्चे शामिल हैं। 12 मई को, DCGI ने भारत बायोटेक को दो साल से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन के चरण 2, चरण 3 के परीक्षण करने की अनुमति दी थी।सर्वेक्षणों ने बच्चों में एंटीबॉडी उत्पादन की ओर इशारा किया है, डॉ गुलेरिया कहते हैं कि उनके पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि आने वाली लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। डॉ गुलेरिया ने कहा कि देश में अब बच्चे भी वायरस के संपर्क में हैं और टीकाकरण न होने के बावजूद भी उन्हें कुछ मात्रा में सुरक्षा प्राप्त है।इस अध्ययन के शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों को दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित नहीं कर सकती है।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)