लोक जनशक्ति पार्टी में चल रहे सियासी उठा-पटक का दौर अभी जारी है। आज लोकजनशक्ति के बागी सांसद और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने चिराग पर फिर से निशाना साधा है। लोजपा नेता पशुपति पारस ने मीडिया में चल रहे कई सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारी पार्टी के संविधान में साफ-साप लिखा है कि एक व्यक्ति एक पद।
फिर चिराग पासवान के पास तीन-तीन पद क्यों थे? पारस ने कहा कि चिराग को 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें लोक जन शक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना दिया गया, जबकि अध्यक्ष पद के लिए किसी भी तरह का चुनाव भी नही हुआ। इसके बाद चिराग पासवान को पार्टी की ओर से संसदीय दल का नेता भी बना दिया गया।
इसे देखते हुए ही पार्टी ने फैसला लिया की उन्हें संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त करा दिया जाए। क्योंकि हमारे पार्टी के संविधान में साफ-साफ लिखा है की एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है। पार्टी के संविधान को देखते हुए ही उन्हे दो पदों से मुक्त कर दिया गया है।
बागी चाचा पारस ने मीडिया से यह भी कहा कि आप सब चिराग पासवान से यह सवाल करें की उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष के पद से क्यों हटा दिया। पद पर न होने के बाद भी उन्होंने ऐसा किया। लोजपा ने मेरी देखरेख में बिहार में लोकसभा का चुनाव लड़ी जिसमें पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने सभी 6 सीटें जीती। खुद चुनाव आयोग की रिपोर्ट से भी पता चला था कि हमें सबसे अधिक वोट प्राप्त हुए। हम विधानसभा चुनाव भी एनडीए के साथ लड़ना चाहते थे, लेकिन चिराग इसके लिए तैयार नही हुए। चिराग के इसी गलत फैसले से आज हमारी पार्टी खत्म होने के कगार पर खड़ी है।
सौरव कुमार