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सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे आरोपों का संज्ञान, मामले की मंगवाई रिपोर्ट

अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद प्रदेश में हलचल मच गई है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई श्रीराम जन्मभूमी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में लगे आरोपों पर संज्ञान लिया है। सीएम आदित्यनाथ ने इसकी पूरी रिपोर्ट भी मांगी है। सीएम की ओर से ट्रस्ट और जिला प्रशासन को इस मामले की विस्तार पूर्वक जानकारी देने को कहा है।
श्रीराम राम मंदिर ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। इस ट्रस्ट के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने सीएम योगी के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि करोड़ों लोगों ने अपनी आस्था और भक्ति से भगवान राम के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उसी चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, यह लोगों की आस्था का अपमान है।
मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल सरकार और ट्रस्ट के ऊपर हमालावर हो गए हैं। विपक्षी दलों ने ट्रस्ट पर जनता का पैसा लुटने और देश की 115 करोड़ हिंदूओं की भावनाओं से विश्वाशघात का आरोप लगाया है। वहीं राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे आरोपो पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि आरोप लगाने वाले नेता सियासत के लिए आरोप लगा रहे हैं। यह सियासत चलाने के लिए हम पर आरोप लगा रहे हैं। ट्रस्ट के महासचिव ने यह भी कहा कि सच तो यह है कि हमने बाजार दर से भी कम कीमत पर जमीन खरीदी है।
वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए खरीदी गई 12080 वर्ग मीटर की जमीन में भाजपा नेताओं ने करोड़ो रुपयों का घोटाला किया है। ट्रस्ट व इस भ्रष्टाचार में संलिप्त भाजपा नेताओं ने देश के गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारियों ने अपनी बचत से जो पैसा श्रीराम के चंदे के रूप में दिया है उनके साथ विश्वाशघात किया गया है।
सौरव कुमार