हाल के अध्ययन बताते हैं दुनिया में बर्फ पिघलने की दर पिछले अनुमानों के मुकाबले ज्यादा तेज हो गई है। इसी कड़ी में नए अध्ययन का कहना है कि अंटार्कटिका का एक ग्लेशियर और भी नाजुक स्थिति में आ गया है क्योंकि सैटेलाइट तस्वीरें बता रही हैं की इसे रोकने वाली बर्फ की चट्टान ज्यादा तेजी से टूटने लगी है।अंटार्कटिका का पाइन आइलैंड ग्लेशियर के बर्फ की चट्टान का पिघलना साल 2017 में तेज हो गया था जिससे वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता हो गई थी कि ग्लेशियर का टूटना उम्मीद के कहीं ज्यादा ही पहले हो जाएगा। ये तैरती चट्टानें ग्लेशियर के लिए बोतल के ढक्कन की तरह काम करती हैं। यह ढहती चट्टान यूरोपीय सैटेलाइट के एक वीडियो में दिखाई दी थी जो हर छह दिन में इस इलाके की तस्वीरें लेता है। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के ग्लेसियोलॉजिस्ट और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक लैन जॉकिन ने बताया कि इस चट्टान को फटते हुए देखा जा सकता है।अभी तक चट्टान की 20 बर्फ पिघल चुकी है। साल 2017 से 2020 तक यहां बड़ी टूटने की घटनाएं हुई थीं जिससे 8 किलोमीटर से ज्यादा लंबी और 36 किलोमीटर चौड़ी हिमशिलाएं बन गई थीं जो बहुत से छोटे टुकड़ों में बंट गई थीं। इसमें बहुत सारे छोटे टुकड़े भी हो गए थे।महासागर में मिल जाएगी. इसमें ज्यादा समय लगेगा, लेकिन बहुत ज्यादा समय नहीं लगेगा। जॉकिन ने ग्लेशियार के दो बिंदुओं पर नजर रखी और पाया कि साल 2017 से शुरू होकर वे 12 प्रतिशत ज्यादा तेजी से समुद्र की ओर जा रहे हैं।