भारत का अनुसंधान केन्द्र DRDO भी कोरोना की जंग मे देश के लिए उतर चुका हैं। कोरोना के कारण देश मे संक्रमित संख्या बहुत बढ़ती जा रही हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) जिसकी प्रथमिकाता अत्याधुनिक हथियारों, रणनीतिक मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइल वाली पनडुब्बियों को विकसित करना है। वह भी देशवासियों को इस महामारी से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन ने अपनी पूरी ताकत इन दिनों कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगा दिया है।
डीआरडीओ ने कोविड -19 के कारण विशिष्ट चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले मरीजों की मदद करने के लिए नकारात्मक दबाव वाले टेंट के साथ अस्पताल बनाया है। आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड और सामान्य बेड पर अस्पताल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के परामर्श से काम किया।सुरक्षा अनुसंधान पर काम कर रहे DRDO की प्रयोगशाला ने सरकारी एजेंसी द्वारा बनाए गए अस्पतालों को 1,200 लीटर के 100 से अधिक सिलेंडर दिए हैं। डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला ने 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा का एक एंटी-कोविड-19 चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया है। नैदानिक परीक्षण के परिणामों से पता चला है कि यह मरीजों की तेजी से रिकवरी में मदद करता है और पूरक ऑक्सीजन निर्भरता को कम करता है।DRDO ने भी अपनी दवाई का सफल परीक्षण कर लिया हैं। जिसका सफल परीक्षण पिछले साल ही शूरू हो चुका था। DG2 का सफल परीक्षण तीसरे चरण तक पुरा हो गया हैं। DGCI ने इसे लोगो के इस्तमाल की अनुमति दे दी हैं।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)