हमारे तीज त्यौहार व्रतों में नवरात्रि का विशेष महत्व है । नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का ध्यान किया जाता है। नवरात्रि का पौराणिक महत्व है। माँ दुर्गा के नवरूप सृष्टि संचालन में विशेष स्थान रखते है। यह समय शक्तिसंचय के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। र्ष में कुल चार नवरात्रि आते है जिनमे चैत्र ओर आषाढ़ नवरात्रि मुख्य है बाकी दो नवरात्रि गुप्त माने जाते है जो सिद्धिप्राप्ति के लिए कहे गए है।
इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक चलेंगे। घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:56 से 12:47 तक का माना गया है। मेष चर लग्न में सुबह 06:02 से 07:38 तक का समय उपयुक्त है। स्थिर वृषभ लग्न में सुबह 07:38 से 09:47 तक का समय है और सिंह स्थिर लग्न में दोपहर 02:07 से शाम 04:25 तक का समय उपयुक्त बताया गया है।
इन दिनों में देवी के दुर्गा सप्तशती का पाठ और देवी के बीज मन्त्रो का जप श्रेष्ठ माना गया है। अपने घर पर काफी लोग इस दिन ध्वजारोहण भी करते है। इसी दिन से भारतीय नव सवंत्सर भी प्रारम्भ होता है।