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क्रायोजेनिक इंजन फैल हो जाने के कारण EOS-3 सैटेलाइट लॉन्चिंग मिशन मे होगी देरी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अंतरिक्ष में भारत का निगबहान तैनात करने को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण किया। मगर क्रायोजेनिक इंजन में आई तकनीकी खराबी की वजह से यह मिशन सफल नहीं हो पाया। इस प्रयोजन को 2020 मे तयार किया गया था। पर कोरोना महामारी के वजह से इसका परीक्षण टाला गया। फिर इसका अभयांन कुछ दिन उपरांत किया जाने वाला था कि तकनिकी कमियो की वजह से इस प्रोजेक्ट मे और देरी होने लगी।इसरो ने पुष्टि की है कि जीएसएलवी एमके. 2 लॉन्च आज क्रायोजेनिक चरण में देखी गई खराबी के कारण विफल रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के बाद से किसी भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण में यह पहली विफलता है। समय के अनुसार सारे स्टेज पूरे होते चले गए। मगर आखिरी में EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई, जिसकी वजह से इसरो को आंकड़ें मिलने बंद हो गए। इसके बाद इसरो प्रमुख ने ऐलान किया कि यह मिशन आंशिक तौर पर विफल हो गया। इस अभियान का उद्देश्य नियमित अंतराल पर बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय पर तस्वीरें उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी करना और कृषि, वनीकरण, जल संसाधनों तथा आपदा चेतावनी प्रदान करना, चक्रवात की निगरानी करना, बादल फटने आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना था।

सतीश कुमार (ऑपरेशन हेड, साउथ इंडिया)