लखनऊ: समाजवादी पार्टी अपनी नई रणनीति व मुद्दों को ध्यान में रखकर 15 जुलाई को प्रदेश भर में तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने वाली है। पार्टी अब पंचायत चुनाव में धांधली के अलावा भ्रष्टाचार पर रोक, किसानों को राहत व दलितों पर अत्याचार रोकने व ओबीसी आरक्षण में कटौती की मांग को भी उठाने की कोशिश होगी। पार्टी के कार्यकर्ता अब राज्यपाल के बजाए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अपने अपने जिलों के डीएम व अन्य अधिकारियों को को सौंपने की तैयारी जारी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने कार्यकर्ता को पूरी तैयारी के साथ प्रदर्शन करने को कहा गया है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में बढ़ती मंहगाई, नौजवानों की बेरोजगारी, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, भाजपा सरकार द्वारा कराए जा रहे संगठित अपराध को अविलम्ब बंद करने के अलावा किसानों को लाभकारी मूल्य देने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारन्टी, गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपए का बकाया भुगतान करने, किसान विरोधी कृषि कानूनों की तत्काल वापसी, डीजल-पेट्रोल-रसोई गैस, बीज, कीटनाशक दवाओं की मंहगाई पर रोक और ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने की भी मांग करने की तैयारी चल रही है। समाजवादी पार्टी के ज्ञापन में बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराने, मृतकों के परिजनों को मुआवजा, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में धांधली और हिंसा की जांच हो तथा दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व क्षेत्र पंचायत के सदस्य, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत के अध्यक्ष सदस्य इस प्रदर्शन में भाग लेने जा रहे हैं।
अंज़र हाशमी