सुरक्षा जानकार मानते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इनका फैलना खतरनाक संकेत है। सितंबर 2020 में एनआईए ने केरल और बंगाल से नौ अलकायदा आतंकियों के पकड़ने का दावा किया था। इनके हैंडलर भी पाकिस्तान में बताए गए थे। जानकार मानते हैं कि बड़ी चुनौती इनके विदेशी आकाओं तक पहुंचकर कार्रवाई सुनिश्चित करवाना है। ठोस सबूतों के जरिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की जरूरत है। इनकी फंडिंग के स्रोत को खत्म करने और इनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए इनके हैंडलर्स तक पहुंचना होगा। पूर्व एडीजी का कहना है कि पाकिस्तान की आईएसआई अलकायदा भारतीय उपमहाद्वीप एक्यूआईएस को फंडिंग कर रहा है। जानकारों का कहना है कि पहले भी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी मिली है कि कट्टरपंथ की आग सुलगाकर अलकायदा और आईएस गठजोड़ से भारत के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमलों की योजना बनाई गई है। इसमें यह दावा किया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा आतंकवादी संगठन हमले की साजिश रच रहा है। रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा के 180 से 200 आतंकी हैं। ये भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से हैं।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)