भारत में कोरोना का दूसरी लहर का कहर अभी तक खत्म भी नहीं हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य विज्ञानी अभी से कोरोना के तीसरी लहर को लेकर बार-बार लोगों को सचेत कर रहे हैं और उन्हें चेतावनी दे रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर जैसे-जैसे कमजोर हुई सरकार ने भी लोगों को छूट देना शुरू कर दिया, और अनलॉक की शुरूआत कर दी। आज देश के ज्यादातर हिस्से अनलॉक हो चुके हैं।
अनलॉक होने के साथ हीं देश में टूरिज्म और धार्मिक यात्राएं फिर से शुरू हो गई हैं। टूरिज्म स्पॉट खुलने के साथ ही देश के कई टूरिस्ट स्पॉटो पर लोगों की काफी भीड़ देखी गई। अनलॉक होने के बाद देश के लोग तो खुशियां मना रहे हैं, पर IMA इसे देख काफी निराश है। IMA ने इस देख चेतावनी देते हुए कहा कि देश अभी तीसरी लहर के नजदीक है, ऐसे में टूरिज्म और धार्मिक यात्राओं को कुछ वक्त के लिए टाला जा सकता है। IMA ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य महकमे की कठिन प्रयासों के बाद बड़ी मुश्किल से भारत कोरोना के दूसरी लहर पर काबू पाने में कामयाब हुआ है, ऐसे में लोगों को इस तरह भीड़ लगाना भारी पड़ सकता है।
IMA ने आज प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि पूर्व से लेकर अबतक जितनी भी महामारियां आई हैं, सब में तीसरी लहर आई है ऐसे में तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है, ये बहुत करीब है। ऐसे वक्त में सरकार द्वारा दी गई ढील के बाद लोगों का इतनी बड़ी संख्या में इकठ्ठा होना गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है। इसके लिए सरकार और जनता दोनों ही जिम्मेदार हैं।
IMA ने कहा कि टूरिज्म, धार्मिक यात्राएं से मिलने वाली खशी बहुत जरूरी है पर इसे अभी टाला जा सकता था। अनलॉक के बाद इतनी भारी संख्या में लोगों का बिना वैक्सीनेशन और बिना कोविड प्रोटोकॉल के जमा होने से तीसरी लहर का खतरा और भी बढ़ सकता है। यह लोग कोरोना की तीसरी लहर को बढ़ाने के मुख्य कारण बन सकते हैं। इस तरह के भीड़ से होने वाले आर्थिक नुकसान से बेहतर है कि एक मरीज के ट्रीटमेंट से होने वाला आर्थिक नुकसान हो।
अनलॉक के बाद लोगों के मनमानी को देखते हुए सरकार की ओर से जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर कमजोर जरूर हुई है पर अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने हिल स्टेशनों पर भीड़ को लेकर कहा था कि ऐसा करना हमारे कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को कमजोर कर देगा। अगर लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे तो हमारे द्वारा दी गई ढील को हम वापस ले सकते हैं।
सौरव कुमार