नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली हाल के समय में भारत के साथ रिश्तों में कड़वाहट लाने की वजह से सुर्खियों में रहे। उन्होंने देश का नया राजनीतिक नक्शा पास करके भारतीय इलाकों को इसमें शामिल कर लिया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसके के बाद उन्होंने कई बार भारत विरोधी बयान दिए थे। माना जा रहा था कि वह चीन के इशारे पर यह सब कर रहे हैं। राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश पर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के आहूत विशेष सत्र में प्रधानमंत्री ओली की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 93 मत मिले जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया। ओली (69 वर्षीय) को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं इसलिए अपनी बहुमत ओली शर्मा साबित नही कर पाए।स्पीकर अग्नि सपकोता ने बहुमत परीक्षण के परिणाम की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से विश्वासमत के लिए लाए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)