भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हरा दिया है। भारतीय टीम ने 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता है। आखिरी चंद सेकंड में जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को ज्यों ही गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोका, भारतीय खिलाड़ियों के साथ टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख रहे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गईं। आखिर इंतजार 41 साल का था और अतीत की मायूसियों के साये से निकलकर भारतीय हॉकी टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया।पीएम मोदी योग छोड़ मैच देख रहे थे। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, भारत और जर्मनी के बीच ब्रॉन्ज मेडल वाले इस ऐतिहासिक मैच को देखने के लिए और इसके लिए समय निकालने के लिए पीएम मोदी ने अपने योग सत्र को भी छोड़ दिया।भारतीय पुरुष हॉकी टीम की जीत को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि आज का दिन हर भारतीय की यादों में रहेगा। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा ऐतिहासिक आज का दिन हर भारतीय की यादों में रहेगा। कांस्य पदक भारत लाने पर पुरुष हॉकी टीम को बधाई।दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह 29वें मिनट और रूपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया।भारतीय टीम ने 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीता है।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)