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वैक्सीन के बाद क्लॉटिंग की वजह पर रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कोरोना वैक्सीन लेने के बाद क्लॉटिंग की शिकायतें सामने आई हैं। लेकिन अब शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि असल में क्लॉटिंग वैक्सीन से नहीं बल्कि इसे गलत ढंग से इंजेक्ट करने के चलते हो रही है। टीओआई की खबर के मुताबिक, एक नई स्टडी में कहा गया है कि मसल्स के बजाए नसों में वैक्सीन के इंजेक्शन का लग जाना क्लॉटिंग की वजह बन रहा है।इसके मुताबिक कोरोना वायरस की वैक्सीन लगने के बाद ऐसी प्रॉब्लम इसलिए आ रही है क्योंकि वैक्सीन मसल्स के बजाए नसों में लग जा रही है। इस स्टडी का कुछ हिस्सा एक वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है। इस स्टडी में दिखाया गया है कि अगर नसों में वैक्सीन चली जाए तो क्या असर हो सकता है। यह स्टडी इंसानों पर नहीं की जा सकती थी, ऐसे में इसे चूहों पर अंजाम दिया गया। जब चूहों को मसल्स के अंदर वैक्सीन दी गई तब कोई समस्या नहीं हुई।उन्होंने बताया कि अगर निडिल की टिप मसल्स में पर्याप्त गहराई तक इंजेक्ट नहीं होती है तो वैक्सीन नसों में पहुंच सकती है। डॉक्टर राजीव के मुताबिक गलत ढंग से ट्रेंड किए गए हेल्थ वर्कर्स वैक्सीन लगाने से पहले स्किन को खींचते हैं। जबकि मसल्स के अंदर दिए जाने वाले इंजेक्शन को लगाने से पहले स्किन को खींचना नहीं चाहिए। अगर स्किन खींची जाती है तो सुई कुछ ही टिश्यूज तक पहुंचती है। ऐसे में एक तो वैक्सीन पूरी तरह से अब्जॉर्ब नहीं होती दूसरे कुछ मामलों में वैक्सीन नसों में पहुंच जाती, जो बाद में अन्य धमनियों तक चली जाती है।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड साउथ इंडिया)