योगिनी एकादशी के बारे में सब कुछ जानें: सबसे महत्वपूर्ण एकादशी व्रतों में से एक, योगिनी एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ के महीने में कृष्ण पक्ष तिथि या अमावस्या में आती है। योगिनी एकादशी महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी के बीच आती है। योगिनी एकादशी का अनुष्ठान और व्रत दशमी तिथि से शुरू होता है। योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के कई भक्तों द्वारा सभी एकादशी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
योगिनी एकादशी 2021 तिथि और समय
योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई सोमवार को है। एकादशी तिथि 4 जुलाई को शाम 7:55 बजे शुरू होगी।
और 5 जुलाई को रात 10:30 बजे समाप्त हो जाएगी। योगिनी एकादशी पारण या व्रत तोड़ने का समय 6 जुलाई को सुबह 5:33 बजे से 8:18 बजे के बीच है। पारण के दिन द्वादशी दोपहर 12.25 बजे समाप्त होती है।
योगिनी एकादशी का महत्व:
योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार नारायण की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के भक्तों का मानना है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, वे दशमी की रात को सूर्यास्त से पहले सादा सात्विक भोजन करते हैं। अगले दिन स्नान करने के बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु और गृहदेवता की पूजा की जाती है। भक्त आरती करने और पूजा समाप्त करने से पहले योगिनी एकादशी की कथा सुनते या कथा पढ़ते हैं। इस दिन बहुत से लोग पीपल के पेड़ भी की पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन विष्णु मंत्र या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना महत्वपूर्ण है।
प्रज्ञा भारती, बिहार।