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सर्बियाई मूल के लोगों और नाटो शांति सैनिकों के बीच हुई झड़प

ज्वेकान: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाली शांति सेना ने सोमवार को कहा कि उत्तरी कोसोवो में सर्बों जाति के लोग (सर्बिया के मूल निवासी) के संग संघर्ष में उसके 25 सैनिक जख्मी हो गए। सर्बों ने उन नगरपालिकाओं में से एक के कार्यालय पर अधिकार करने का प्रयास किया, जहां अल्बानियाई महापौरों ने पिछले हफ्ते पद को संभाला था।

कोसोवो गणराज्य की राजधानी प्रिस्टिना के उत्तर में 45 किलोमीटर की दूरी पर ज्वेकान नगर पालिका में सर्बों जाति के लोग नाटो के शांति सैनिकों व कोसोवो की पुलिस के साथ भिड़ गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कोसोवो के अधिकारियों की सुरक्षा तथा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने हेतु नाटो की शांति सैनिकों ने आंसू गैस के गोले व हथगोले दागे। इसका उत्तर देने के लिए वहां एकत्रित हुए सर्बों ने नाटो के शांति सैनिकों पर पत्थर व दूसरी कठोर चीजें फेंकी।

नाटो के शांति सैनिकों ने एक बयान में कहा कि इतालवी और हंगेरियन कोसोवो फोर्स (कोसोवो में नाटो के नेतृव वाली अंतरराष्ट्रीय शांति सेना) के कई सैनिक विस्फोट व बेवजह आक्रमणों में गंभीर रूप से घायल हो गए। कोसोवो पुलिस के कई वाहनों और पत्रकारों से जुड़े एक वाहन को नुकसान पहुंचाया गया।

सोमवार देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए सर्बिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक ने कहा कि वह कोसोवो के संग लगती सीमा पर अपने सैनिकों के साथ रात व्यतीत करेंगे। सैनिकों को पिछले हफ्ते राष्ट्रपति के आदेश पर हाई अलर्ट पर रखा गया था। उन्होंने कहा कि संघर्षों में सर्ब समुदाय के 52 लोग जख्मी हो गए हैं, जिसमें से तीन गंभीर रूप से घायल हैं और चार को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सर्बियाई राष्ट्रपति ने कोसोवो के राष्ट्रपति पर लगाया इल्जाम
राष्ट्रपति वूसिक ने कहा कि संघर्ष के नतीजे बड़े और गंभीर हैं तथा इसका एकमात्र अपराधी कोसोवो के प्रधानमंत्री अल्बिन कुर्ती हैं। उन्होंने उत्तरी कोसोवो में अल्बानियाई सेना को “कब्जाधारियों” के रूप में संदर्भित किया। वूसिक ने कहा कि मैं अंतिम बार दोहराता हूं और मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने की अपील करता हूं कि अल्बिन कुर्ती को इस संघर्ष का परिणाम भुगतना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मुझे भय है कि हम सभी के लिए बहुत देर हो जाएगी।

सर्बिया और कोसोवो के मध्य चल रहे संघर्ष के बीच हिंसा का यह ताजा मामला सामने आया है, क्योंकि पिछले हफ्ते के आखिर में तनाव काफी बढ़ गया था। सर्बिया ने अपने देश की सेना को हाई अलर्ट पर रखा था तथा कोसोवो से लगती सीमा पर ज्यादा से ज्यादा सैनिकों को भेजा था। आपको बता दें कि कोसोवो ने वर्ष 2008 में सर्बिया से अलग होकर एक आजाद देश की घोषणा की थी।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश