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इलेक्ट्रिक साईकल के क्षेत्र में नई क्रांति- वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल

वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल का निर्माण देश भर में हुए पहले लॉक डाउन के दौरान हुआ था, जो 24 मार्च को लागू किया गया था। वोल्टरों के फाउंडर और सीईओ प्रशांत ने बताया कि कंपनी एक हार्ले डेविडसन के तर्ज पर एक क्रूज़र इलेक्ट्रिक बाइक का निर्माण का चुकी थी पर लॉकडाउन के चलते फण्ड की समस्या के कारण उसे आगे लगाने में असमर्थ होगी। इस दौरान प्रशांत ने इलेक्ट्रिक साईकल का निर्माण करने का सोचा, क्योंकि इनमें कम लागत की जरूरत थी और इसके लिए किसी संस्थान से अप्रूवल लेने की ज़रूरत नही थी। पर एक समस्या जो सामने दिख रही थी वो ये थी कि हिंदुस्तान में इलेक्ट्रिक साईकल की डिमांड बहुत कम थी। ये हीरो लेक्टरों जो भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक साईकल के मार्किट शेयर वाली कंपनी है ,उसके एंकरों से साफ ज़ाहिर होता है, हीरो लेक्टेज पिछले साल सिर्फ 7000 इलेक्ट्रिक साईकल बेच सकी थी।
इलेक्ट्रिक साईकल की इतनी कम मांग होने का आकलन करने पर प्रशांत ने इन कारण को दोषी पाया:
1 इलेक्ट्रिक साईकल की रेंज ( दूरी जो वो एक बार चार्ज करने पर चल सकती है ) 25 से 35 किलोमीटर तक सीमित थी।
2 इन साईकल को सिर्फ एक आदमी चला सकता है ।
3 इन साईकलोन की बनावट के कारण इसे सिर्फ मर्द चला सकते हैं ।
4 इन साईकल की वजन उठाने की कैपेसिटी 85 किलोग्राम से ज्यादा नही है।
5 ये साईकल पहरों पर नही चल सकती हैं। और फ्लाईओवर पर करने के लिये पेडल चलना पड़ता है, जिस कारण यह साईकल सिर्फ फिजिकली फिट लोगो के लिए ही फायदेमंद है।
6 इन साईकल की कीमत इन की सहूलियत के हिसाब से बहुत ज्यादा है।
इन कमियों का सबसे बड़ा कारण है की ये साईकल हब
मोटर का इस्तेमाल करती हैं, जो साईकल के टायर के बीच में लगा होता है। हब मोटर अगले या पिछले टायर के बीच में लगाया जाता है बनाने वाली कंपनी के सहूलियत के हिसाब से। इस कारण हब मोटर से चलने वाली इलेक्ट्रिक साईकल की भर उठाने के छमता 85 किलो से ज्यादा नही होती है, जिसके चलते ये दो लोगों को ले कर नही चल सकती हैं और न ही फ्लाईओवर पर का सकती है।
वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल का निर्माण इस प्रकार किया गया है की यह साईकल और स्कूटी के बीच का क्रॉसओवर हो। ऐसी कारण इसकी रूप रेखा अनोकी है। ना ये साईकल जैसी दिखती है और न ही स्कूटी जैसे । वोल्टेओं इलेक्ट्रिक साईकल को बनाने का मकसद ये था कि इन सब बाधाओं को दूर किआ जा सके।यह भारत की पहली इलेक्ट्रिक साईकल है जो मिड ड्राइव मोटर से चलती है।दुनिया में कुछ चुनिंदा कंपनी हैं जो मिड ड्राइव मोटर का इस्तेमाल करती हैं और इस तकनीक से बनने वाली साईकल की कीमत 1,90,000 रुपया से शुरू होती है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल एक बार चार्ज करने पर 100 किलोमीटर की दूरी तय करती है, इस कारण यह घर से आफिस जाने के लिए , फील्ड जॉब और सेल्स जॉब करने वाले लोगो के लिए बहुत उपयुक्त है। एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए और गांव से नजदीकी सहर जाने के लिए सर्वोत्तम है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल की वजन उठाने की समता 140 किलो है इस कारण यह दो लोगों का भार उठा कर चल सकती है। इसका इस्तेमाल माता पिता बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने के लिए कर सकते हैं। इसको राशन और खाने पीने के समान के डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है, इसे चलाने के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत नही है इस कारण बच्चे स्कूल और ट्यूशन जाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल को इस तरह बनाया गया है कि इस साईकल को स्त्री और पुरुष दोनों चला सकते हैं। यह दुनिया की इकलौती साईकल है जो फ्लाईओवर और पहरों को सिर्फ थ्रोटल मोड पर पर कर सकती है, अर्थात वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल कोई भी चला सकता है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल में हैजर्ड लाइट , ब्रेक लाइट , हेडलाइट फिट हो कर आते हैं, यह रात में चलाने के समय सुरक्षा के लिए दिए गए हैं। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल में चालक की सेफ्टी के लिए ऑटो ब्रेक कट ऑफ भी दिया गया है, यह ब्रेक लगाने पर मोटर को निष्क्रिय कर देता है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल को चार्ज करने का समय सिर्फ 3 घंटे है जो सभी इलेक्ट्रिक साईकल में सबसे कम है। वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन की जरूरत नही है, इसे एक्सटेंशन कॉर्ड से चार्ज किया जा सकता है। इसकी कीमत सिर्फ 35,000 रुपये है, जो अन्य इलेक्ट्रिक साईकल से सब से कम है। बजाज फिंसर्व से फाइनेंस के जरिये इसे आसान किस्तो पर लिया जा सकता है और हमारी बात IDFC First Bank से भी चल रही है और जल ही किस्तों की सहूलियत इस बैंक से भी मिलने लगे गई। वोल्टरों एलेक्ट्रिक साईकल क्रेडिट कार्ड से भी आसान किश्तों पर लि जा सकती है ।हमे हर्ष है कि इन सब कारणों से आज वोल्टेओं इलेक्ट्रिक साईकल राजस्थान के ट्राइबल एरिया बांदीकुई में इस्तेमाल हो रही है और बिहार के एक गांव शेरघाटी में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है।इसका इस्तेमाल महिलाये कर रही है और हमारे इस प्रयास को आशीर्वाद दे रही हैं।नोएडा की कुछ बड़ी सोसाइटी ने इसे अपने गॉर्ड को देने का फैसला लिया है ताकि सोसाइटी की पेट्रोलिंग अच्छे से हो सके। जोमाटो जो खान पान की सामग्री की होम डिलीवरी करता है उन्होंने भी वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल इस्तेमाल करने की इक्छा जताई है। भरायीय सेना से भी वोल्टरों इलेक्ट्रिक साईकल के इस्तेमाल पर बात चल रही है। जल्द ही वोल्टरों इलेक्ट्रिक कयकलर न्यूज़ीलैंड , ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में भी चलती हुई नजर आएगी ।

वोल्टेओं इलेक्ट्रिक को बनाने का सबसे बड़ा मकसद है कि ये सामाजिक परिवर्तन का वाहन बने और भारत के उस व्यक्ति तक पहुंचे जिसकी उसे बहुत जरूरत है।