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भारत में हो रही रक्षा मंत्रियों की एससीओ बैठक

शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक भारत गणराज्य की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित हो रही है। इस बार की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बैठक में केवल पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र को छोड़कर बाकि सभी सदस्य देश शामिल हुए हैं। पाकिस्तान वर्चुअल तरीके से शामिल हुआ है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की शुरुआत भाषण देकर की जिसमें उन्होंने कहा कि एससीओ के देशों के मध्य कई सदियों से सांस्कृतिक रिश्ते हैं। हमने वस्तुओं से लेकर विचारों तक एक-दूसरे के साथ सांझा किया है। वक़्त में हो रहे परिवर्तन के साथ हम अपने रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। एससीओ एक मजबूत क्षेत्रीय संगठन के तौर पर उभर रहा है।

चीन के रक्षा मंत्री से मिले थे राजनाथ सिंह

इस बैठक के एक दिन पूर्व गुरुवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी जनवादी गणराज्य के रक्षा मंत्री से बात की थी। इस दौरान भारत-तिब्बत-चीन की सीमा पर शांति को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान समझौतों के उल्लंघन ने दोनों पक्षों के रिश्तों के आधार को समाप्त कर दिया है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से संबंधित समस्त मुद्दों को वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार ही हल करना चाहिए। भारतीय रक्षा मंत्री ने चीन के अलावा भी कुछ अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात की।

कल चार देशों के रक्षा मंत्रियों से की ज़रूरी बैठकें

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ के लिए गुरुवार बेहद व्यस्त दिन रहा। इस दिन उन्होंने चार देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ लंबी बात की और साथ ही आपस के रक्षा संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले कज़ाख़िस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री कर्नल जर्नल रुसलान जाख्सिलेकोव के साथ मुलाकात की। उसके पश्चात् ईरानी इस्लामिक गणराज्य के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा अश्तियानी ने उनसे मुलाकात की। फ़िर ताजिकिस्तान गणराज्य के रक्षा मंत्री के साथ मुलाकात की। अंत में सबसे ज़रूरी मुलाकात चीन के रक्षा मंत्री लि शेंगफू से हुई। इस मुलाकात पर ही सभी की नज़रें टीकी हुई थी।

वर्ष 2020 में भारतीय सेना और पीएलए के मध्य हुई गलवान झड़प के बाद चीन के रक्षा मंत्री की यह प्रथम भारत यात्रा है। आपको बता दें कि दोनों सेनाओं के मध्य हाल ही में 18वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी। पांच माह के बाद यह बैठक हुई। शुक्रवार को राजनाथ सिंह रूसी महासंघ के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइग्यू से भी मिलेंगे।

इस बार ऑब्जर्वर देशों के तौर पर बेलारूस गणराज्य और ईरानी इस्लामिक गणराज्य के प्रतिनिधि मंडल और मंत्रियों ने भी भाग लिया।

क्या है एससीओ? भारत इसमें कब जुड़ा

एससीओ का मतलब शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन या शंघाई सहयोग संगठन है, इसका गठन वर्ष 2001 में हुआ। एससीओ एक राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा संगठन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को मिलाकर इसके कुल आठ स्थाई सदस्य देश हैं। शुरु में एससीओ के 6 सदस्य देश रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान​​​​​​, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे।

वर्ष 2017 में भारत गणराज्य और पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र के शामिल के होने साथ एससीओ के स्थाई सदस्यों की संख्या छः से बढ़कर आठ हो गई। आर्मीनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की एससीओ के डायलॉग पार्टनर हैं और अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया ऑब्जर्वर सदस्य हैं।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश