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26 मई को किसानों ने काला दिवस मनाया, काले झंडे, काली पट्टी बांधी, किसान नेता टिकैत ने सम्बोधित किया

मई 26 काला दिवस किसानो ने इस दिन को सरकार के खिलाफ तीन कानून को वापस लेने के विरोध करते हुए काला दिवस नाम से मनाया जिसमें काफी लोगो ने किसानो का साथ दिया इस सर्मथन में ना केवल बड़ो ने बल्की बच्चों ने भी किसानो का साथ दिया इस दिवस को मनाते हुए किसानो ने काले कपड़े काले दुपट्टे काले झंडे अपने अपने घरों के आगे फैराए हैँ।लेकिन सरकार अपने इस कानून वापस लेने को त्यार नहीं किसानो द्वारा शांती पूर्वक इस चर्चा पर बात करने हेतू उन्होने सरकार को चिट्ठी भी भेजी लेकिन सरकार की ओर से उस चिट्ठी का अब तक कोई जवाब नहीं। कोरोना की आड़ में सरकार का किसानो से एक ही बात को बार बार दौहराना की किसानो द्वारा कोरोना को फैलाया जा रहा है। ये बात बिल्कुल ग़लत है इसके जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार से पूछा कि कैसे किसान कोरोना को फैला रहा है। किसान तो शांतीपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहा है नियमित रूप गरारे इन सब चिज़ो का भी पालन कर रहा है। कोरोना की गाईडलाईन्स को फॉलो कर रहा है। फिर कैसे किसान कोरोना को बढ़ावा दे रहा है या फैला रहा है। किसानो का कहना है की सरकार ने वैक्सीन को बड़े बड़े अस्तपतालो कि तिजोरी में बंद रखा है। दवाईयों की काला बाज़ारी,ऑक्सीजन सिलेंडर की काला बाज़ारी इन सब चीज़ो का सामना करना पड़ रहा है। क्या वो भी किसान कर रहा है। सरकार भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाने का कार्य कर रही है।यदी कोरोना फैल रहा है तोह क्या सरकार कानूनो को वापस नहीं ले सकती कानून के वापस लेने पर क्या हम सभी घर को नहीं जाएंगे यदी सरकार इस कानून को वापस लेती है तोह इस आंदोलन को किसान खत्म कर देगा।केंद्र को छोड़ किसानो के पक्ष में विपक्ष भी साथ दे रहा है। लेकिन केंद्र ये बात समझने में ना जाने क्यूं असमर्थ है।

सार्थक अरोड़ा, दिल्ली।