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पाकिस्तान को लग सकता हैं बडा झटका, रिंग रोड घोटाले की तलाशी हुई शुरु

पाकिस्तान के वजीर इमरान खान की मुसीबतों का दौर खत्म नहीं हो रहा हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पीपीपी ने पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ-साथ रावलपिंडी रिंग रोड परियोजना के घोटाले में कथित रूप से शामिल अन्य मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की थी। सबूत सामने आए हैं कि इमरान खान और पंजाब के सीएम उस्मान बुजदार ने आरआरआर परियोजना का समर्थन किया था।प्रधानमंत्री इमरान खान ने ही इस सड़क परियोजना को मंजूरी दी थी। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, विभाग के एक प्रवक्ता के ने बताया कि जांच के लिए एंटी करप्शन एजेंसी के महानिदेशक मोहम्मद गोहर द्वारा नामित जांच दल में कानूनी, तकनीकी और आर्थिक विशेषज्ञ शामिल हैं।शेष सहायक जुल्फी बुखारी ने इस्तीफा भी दे दिया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट से पता चला कि घोटाले की प्रारंभिक जांच में पाया गया है।18 राजनीति से जुड़े व्यक्तियों और 34 प्रभावशाली बिल्डरों और प्रॉपर्टी टाइकून ने रावलपिंडी,अटॉक लूप, पासवाल ज़िगज़ैग, जीटी रोड और इस्लामाबाद मार्गल्ला एवेन्यू की सीमा के भीतर विभिन्न सौदों में जमीन के लगभग 64,000 कनाल का कथित अधिग्रहण किया है। इन सभी मुद्दों की जांच को कांगला जा रहा हैं। इस चीज ने इमरान खान की सरकार पर बहुत बडा वार किया हैं। पर फिलहाल इमरान खान ने इस बात पर चुप्पी साधी हैं।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)