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उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदल रहा चुनावी मुद्दा

यूपी में 2022 आगामी विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। प्रदेश में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने विभिन्न मु्द्दों पर राजनीति करना शुरु कर दिया है। प्रदेश में एआईएमआईएम ने अयोध्या से चुनाव प्रचार का आगाज़ किया है। वहीं आम आदमी पार्टी ने अयोंध्या में जाकर स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में अयोध्या काफी अहम रहने वाला लै। प्रदेश में हर कोई सत्ता में आने के लिए अयोध्या पर फोकस कर रहा है। कांग्रसे मेे यूपी की चुनावी प्रभारी प्रियंका गांधी ने राजनीति का आगाज लखनऊ से शुरु कर दिया। हाल ही में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष, चुनावी रणनीति को लेकर बैठक किया। वहीं बीजेपी भी चुनावी अभियान कर रही है। भाजपा द्वारा अलीगढ़ में चुनावी अभियान किया गया। आप पार्टी ने दावा किया है कि अगर वे जीतते हैं तो 300 यूनिट मुफ्त बिजली देंगे। इससे मुद्दों की राजनीति शुरु हो गई है। इसके अलावा सपा और बसपा भी लगातार चुनाव में सक्रिय हो गई है जिसको लेकर लोगों में काफी उत्साह है। यूपी में परिस्थिति के मुताबिक विकास के मुद्दा पर चुनाव होना चाहिए जिससे प्रदेश पर ही नहीं बल्कि देश पर साकारात्मक संदेश मिलेगा। हमारे नेताओं को विकास की बात करनी चाहिए क्योंकि जनता द्वारा मतदान बदलाव के लए किया जाता है। हमें भी उस पार्टी को चुनना चाहिए जिसका प्रतिनिधि हमारे विधानसभा क्षेत्र में विकास की रोशनी से जनहित में कार्य करे। ये हमारी भी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई और अपराध से राहत मिले जिसमें फैसला का अहम योगदान रहता है। हमें सोच समझ कर अपना प्रतिनिधि चुनना चाहिए जिससे हमारा भविष्य उज्जवल हो सके। खास कर युवाओं को इन सभी बातों पर ध्यान देने की जरुरत है। इससे सभी को फायदा होगा। प्रदेश में विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा होना चाहिए जिसकी तलाश जनता को रहती है।

अंज़र हाशमी, उत्तर प्रदेश