इस साल चंद्र ग्रहण 26 मई बुधवार को लगेगा, ये साधारण चंद्र ग्रहण नहीं यह ब्लड मून कहलाया जायेगा। यह एक खास खगोलीय घटना होगी क्योंकि यह सुपर मून, चंद्र ग्रहण और ब्लड मून होगा।पहले पूर्ण चंद्र ग्रहण को ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, उत्तर और दक्षिण अमेरिका और पूर्वी महासागर में देखा जा सकेगा। भारत की बात करें तो चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा, जिसके कारण देश के कई हिस्सों में ब्लड मून नहीं दिखेगा।
क्या होता हैं सुपर मून या ब्लड मून –
सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने की घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है। जिसके कारण सूर्य की रोशनी जब पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती हैं तो यह ज्यादा चमकीला हो जाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के पास धीरे-धीरे पहुंचता है तो उसका रंग काफी चमकीला यानी गहरे लाल रंग का हो जाता है। इस घटना को ब्लड मून कहा जाता है।
इस ग्रहण से राशियों और नकसत्रो पर भी असर पड़ता हैं। कुछ लोगो के लिए लाबदायक, तो कुछ लोगो के लिए अशुभ होते हैं। कुछ विषेश कार्य ग्रहण के दौरान करने होते हैं।
ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें। ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान आदि कर लेना शुभ माना जाता है।ग्रहण काल में अपने इष्ट देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ होता है। चंद्र ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)