• Fri. Mar 29th, 2024

नितीश सरकार के नए कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर की धर्मग्रंथ रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी

वर्तमान समय में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसन चंद्रशेखर है। चंद्रशेखर की उम्र 61 वर्ष की है जिन्हे नितीश सरकार की नई कैबिनेट में शामिल किया गया है चंद्रशेखर राष्ट्रीय जनता दल के नेता है और पिछले तीन योजनाओं से जीत हासिल कर रहे है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसन चंद्रशेखर ने नालन्दा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वे दीक्षांत समारोह में छात्रो को संबोधन देते हुए कहा कि मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गयी हैं रामचरित मानस के उतरकांड में लिखा है नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने वाले नही होते, शिक्षा ग्रहण करने के बाद ये सांप के तरह जहरीले हो जाते है। रामचरित मानस में दलित पिछड़ों और महिलाओ की निंदा की गयी हैं। ये ग्रंथ नफरत बोने वाले है। एक युग में मनुस्मृति दूसरे युग में रामचरित मानस और तीसरे युग में गुरु गोलवालकर का बच ये सभी ग्रंथ समाज में नफरत फैलाते है।

इसी का जबाब देते हुए बीजेपी सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि
उपदेशो हि मुर्खाना प्रकोपाय न शान्यते। पाय:पान भुजडांना केवल विषबर्धमान।।
इसका मतलब हुआ जो लोग मुर्ख है। धर्म की दृष्टि नही है उनको उपदेश देने से उनका ग़ुस्सा शांत न होता है। उसी प्रकार जैसे सांप को दूध पिलाने से केवल विष बढ़ता है।
बिहार के शिक्षा मंत्री ही ऐसे ब्यान देते हैं तो बिहार कितना विकास करेगा। प्रो चंद्रशेखर इतने सालों पुराने ग्रंथ के बारे ऐसा ब्यान देते हैं। रामचरित मानस में 4608 श्लोक हैं इनमे किसी एक दो श्लोक को लेकर ऐसे टिप्पणी करना क्या सही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, धर्म कोई भी हों हम उसका सम्मान करते है पर किसी धर्म के नाम पर राजनीति नही खेलनी चाहिए। विशेष जाति या विशेष वर्ग को अपमानित किया गया है इससे हमे आपति है।

रिपोर्ट- वंशिका सिंह