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NIA ने की 11 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी, आतंकवाद पर शुरू किया प्रहार

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या से जुड़े मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी अपने हाथ में ले सकती है। हालांकि, इसे लेकर अब तक आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है, मगर अभी से ही कश्मीर में आतंकी साजिश केस में एनआईए का एक्शन दिखने लगा है। घाटी में आतंकवाद की साजिश रचने के मामले में और गैर-मुस्लिमों के टारगेट किलिंग के मद्देनजर आतंकवाद पर प्रहार करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में 11 जगहों पर छापेमारी की है।बता दें कि ऐसी खबर है कि जम्मू-कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी करेगी और सरकार की ओर से जल्दी ही इस संबंध में आदेश जारी किया जा सकता है। आतंकवादियों के हमलों में मारे गए लोगों में से पांच प्रवासी मजदूर थे, जिनमें से चार लोग बिहार के थे। जम्मू-कश्मीर और केंद्र की सरकार का मानना है कि हाल के दिनों में नागरिकों पर बढ़े हमले किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों मजदूर हर साल मार्च की शुरुआत में चिनाई, बढ़ईगीरी, वेल्डिंग और खेती जैसे कुशल और अकुशल नौकरियों के लिए घाटी में आते हैं और दिसंबर में सर्दियों की शुरुआत से पहले घर वापस चले जाते हैं। एनआईए प्रवासी मजदूरों की हत्याओं की जांच भी अपने हाथ में ले सकती है। जिस दिन बिंद्रु की हत्या हुई थी, उसी दिन बिहार के चाट विक्रेता वीरेंद्र पासवान और टैक्सी चालक मोहम्मद शफी लोन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पांच हत्याओं के अलावा, आतंकवादियों ने दो अक्टूबर को श्रीनगर के करण नगर इलाके में माजिद अहमद गोजरी और शहर के बटमालू इलाके में मोहम्मद शफी डार की हत्या कर दी थी।

सतीश कुमार