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जम्मू और कश्मीर में जी-20 बैठक पर चीन ने जताई आपत्ति, कहा करेंगे इसका बहिष्कार

बीजिंग: भारत गणराज्य इस बार जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और वह इसे बेहतर बनाने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखना चाहता। इसी कड़ी में भारत जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में 22 मई 2023 से लेकर 14 मई 2023 तक जी-20 की बैठक का आयोजन करेगा। इसी बीच चीनी जनवादी गणराज्य के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने बयान में कहा कि चीन विवादित क्षेत्र पर किसी भी तरह की जी-20 बैठक को आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है। हम ऐसी किसी बैठक में सम्मलित नहीं होंगे।

भारत को घेरने के लिए चीन पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र का करीबी सहयोगी है। इससे पूर्व पाकिस्तान ने भी श्रीनगर में आयोजित होने वाली बैठक का विरोध करते हुए कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है। जम्मू और कश्मीर के अपने अवैध नियंत्रण को कायम रखने के लिए भारत का गैर-जिम्मेदाराना कदम है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि श्रीनगर में जी-20 बैठक जम्मू और कश्मीर के लिए अपनी वास्तविक क्षमता को दिखाने का बड़ा मौका है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय आयोजन से देश और दुनिया भर में सकारात्मक संदेश जाएगा।

इससे पूर्व भी पाकिस्तान व चीन जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के पर कई टिप्पणियां कर चुके हैं। भारत पूर्व में भी जम्मू और कश्मीर पर चीन और पाकिस्तान की ओर से आए बयान को खारिज कर चुका है।

भारत और चीन के मध्य पिछले तीन वर्ष से पूर्वी लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश में गतिरोध से चल रहा है। आपको बता दें कि जून वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और पीएलए में हुई बुरी झड़प झड़प के पश्चात दोनों देशों के बीच के रिश्तों में काफी तनाव उत्पन्न हो गया। भारत ने कहा कि जब तक भारत-चीन (चीन अधिकृत क्षेत्र अक्साई चिन और तिब्बत) सीमा क्षेत्र में शांति बहाल नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं होंगे।

कार्यक्रम को कामयाब बनाने हेतु आगे आएं नागरिक – उपराज्यपाल (जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश)

जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जी-20 बैठक जम्मू और कश्मीर की जीवंत संस्कृति, परंपराएं तथा पर्यटन क्षमता को दिखने का सुनहरा मौका है। जी-20 बैठक समस्त नागरिकों से जुड़ी हुई है और लोगों को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को कामयाब बनाने हेतु आगे आना चाहिए। उन्होंने सिविल सोसायटी के सदस्यों से गुजारिश कर कहा कि वह इस मौके का फायदा उठाएं व नागरिकों, पर्यटन तथा उद्योग क्षेत्र के हितधारकों को प्रोत्साहित करें ताकि जी-20 की कामयाबी सुनिश्चित हो सके।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश