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उत्तरप्रदेश में कम हो रही मानसून की रफ्तार, प्रदेश में मानसून पहुँचने में लग सकता है वक्त


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दाखिल होने के बाद दक्षिणी-पश्चिमी मानसून ठिठक गया है। प्रदेश में पिछले तीन दिनों से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मौसम निदेशक जे.पी.गुप्त ने कहा कि प्रदेश में मानूसन की उत्तरी सीमा अभी भी हमीरपुर, बाराबंकी, सहारनपुर पर स्थिर हो गई है। उन्होंने कहा कि अब बंगाल की खाड़ी में अगले कुछ दिनों में कोई और कम हवा का दबाव क्षेत्र या चक्रवातीय दबाव बनने के बाद ही चक्रवती तूफान बन सकेगा। मानसून की वेबसाइट पर भी जानकारी दी गई है कि यह काफी कमजोर हो चुका है।अभी पश्चिमी यूपी व दिल्ली वालों को करीब एक सप्ताह और इंतजार करने पड़ेगा। फिलहाल प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं थोड़ी बहुत बारिश हो सकती है। पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं भारी बारिश हो चुकी है। राज्य में बीते 24 घंटों में खीरी के धौरहरा में सबसे अधिक 23 सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड दर्ज की गई है। इसके अलावा महाराजगंज के निचलौल में 13, सिद्धार्थनगर के ककराही में 10, बांसी में 8, गोरखपुर, देवरिया के सलेमपुर, श्रावस्ती के भिंगा, बलिया में 7-7, अम्बेडकरनगर के अकबरपुर में 6, बहराइच के कतर्नियाघाट, बलिया के तुर्तीपार, खीरी के सरदारनगर, बांदा के बबेरू, बलरामपुर, गोण्डा के तुलसीपुर में 4-4, हमीरपुर में 3 सेण्टीमीटर बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कहीं सामान्य तो कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। बिहार में पिछले 48 घंटे से भारी बारिश से हालात बेकाबू हो चुके हैं। जनजीवन काफी प्रभावित हो गया है। चम्पारण से मिथिलांचल तक के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। नेपाल से आने वाली छोटी-बड़ी नदियों ने चम्पारण में तबाही मचानी शुरु कर दिया है। मौसम की पहली बारिश में ही बुधवार को वाल्मीकिनगर बराज से 4.12 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ने से गंडक का पानी पश्चिम व पूर्वी चम्पारण के साथ-साथ मुजफ्फरपुर के दियारे इलाके के गांवों में प्रवेश करने जा रही है। मिथिलांचल में अभी स्थिति भयावह नहीं हुई है, लेकिन कोसी, कमला, बलान, बागमती सहित अन्य नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होती जा रही है।

अंज़र हाशमी