अफगानिस्तान में मौजूद पत्रकारों का कहना है कि जो लोग महीने भर पहले ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस बार तालिबान के लिए काबुल दूर है क्योंकि अफगान सेना पहले से ज्यादा सक्षम है। उन सभी को मौजूदा स्थिति से अचम्भा हो रहा है। कुछ कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि जो घटनाक्रम हो रहा है वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। जानकार मानते हैं कि मौजूदा स्थिति से भारत को रणनीतिक नुकसान हो सकता है। अफगानिस्तान में मौजूद एक पत्रकार ने कहा कि मैं खुद अपने परिवार के साथ जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ना चाहता हूं। क्योंकि यहां रक्तपात तेज होगा। गृहयुद्ध के हालात भी बन रहे हैं। तालिबान बहुत ही क्रूर हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वीकार्यता का हवाला भी दे रहे हैं। उनकी सेना के स्थानीय कमांडरों से सीधा संपर्क और समझौता हो रहा है। विवेकानंद फाउंडेशन के सीनियर फेलो पीके मिश्रा का कहना है कि अफगानिस्तान की स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है।
सतीश कुमार (ऑपरेशन हेड, साउथ इंडिया)