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पंजाब और राजस्थान के बाद केरल कांग्रेस में मची तनातनी

आंतरिक कलह से निपटने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को अब दक्षिण के मोर्चे पर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केरल में अब पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है और हाईकमान की ओर से नजरअंदाज किया जा रहा है। नए बनाम पुराने की रस्साकशी में सीनियर नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए अपॉइंटमेंट ही नहीं मिला। यही नहीं नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को चुनने में भी कोई राय नहीं ली गई। चेन्नीथला के एक समर्थक ने कहा कि वह सम्मानजक विदाई के हकदार हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या फिर राहुल गांधी की ओर से उन्हें बुलाया जा सकता था और यह बताते हुए हटने को कहा जा सकता था कि आखिर क्यों अब नए चेहरों की जरूरत है।एक अन्य नेता ने इसे गलत करार दिया और कहा कि अधिकतर विधायक बदलाव के पक्ष में थे। इस संकट के बाद प्रदेश प्रभारी तारिक अनवर ने विधायकों, सांसदों और संगठन के नेताओं से बातचीत की है। प्रदेश में चेन्नीथला की जगह पर अब वीडी सतीशन को नेता विपक्ष बनाया गया है।फिलहाल राज्य में यूडीएफ गठबंधन के संयोजक का पद रिक्त है, लेकिन इसके लिए पूर्व सीएम के. करुणाकरण के बेटे के. मुरलीधरण को रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। केरल में पैदा हुआ यह संकट इसलिए भी कांग्रेस की चिंताएं बढ़ाने वाला है क्योंकि खुद राहुल गांधी इसी प्रदेश की वायनाड सीट से लोकसभा के सांसद हैं।

सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)