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मोदी और अमित शाह पर बरसे पूर्व वित मंत्री पी. चिदंबरम

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने संसद सत्र का अंत अच्छे ढंग से न होने पर दुख जताया है। पी चिदंबरम ने इसके लिए दोनों सदनों के सभापतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दोनों ही सदनों में चेयर उस तरह से न्यूट्रल नहीं है जिस तरह से होनी चाहिए। पूर्व वित्तमंत्री ने कहा आखिरी दिन राज्यसभा में हो हुआ उसके पीछे वजह यह थी कि सरकार अपनी बात से पीछे हटते हुए चुपके से विधेयक पास कराना चाहती थी। उन्होंने इसके लिए धैर्य, बातचीत और बैठक को महत्वपूर्ण बताया। गौरतलब है कि बुधवार को संसद का मॉनसून सत्र तय समय से दो दिन पूर्व ही स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व जब राज्यसभा अनिश्चितकाल के स्थगित की गई तो विपक्षी सांसदों का मार्शल्स के साथ टकराव हो गया। विपक्षी सांसद विरोध करते हुए सभापति के आसन और ट्रेजरी बेंचों की तरफ बढ़ रहे थे। तभी मार्शलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। इस पर पी चिदंबरम ने कहा कि इस सबके पीछे सरकार का ही हाथ है। राज्यसभा में ओबीसी रिजर्वेशन के लिए संविधान संशोधन विधेयक पास होने के बाद संसद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।लेकिन चेयर ने अपनी भूमिका उतने निष्पक्ष ढंग से नहीं निभाई जितनी की उसे निभानी चाहिए थी। जो कुछ भी हुआ उसके पीछे सरकार द्वारा चुपके से बिल पास कराने की मंशा थी। चिदंबरम से कहा गया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के व्यवहार पर निराशा जताई है।

सतीश कुमार (ऑपरेशन हेड, साउथ इंडिया)