बिजली कंपनियों और रेलवे द्वारा कोयले की मांग को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकार एक सप्ताह के भीतर अपने दैनिक कोयला उत्पादन को 19.4 मिलियन से बढ़ाकर 2 मिलियन टन (20 लाख टन) करने जा रही है। हालांकि, सरकार की ओर से मौजूदा कोयला संकट की वजहें भी बताई गई हैं। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि राज्यों और बिजली कंपनियों को कोयले की दैनिक आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और यह 5 दिनों का स्टॉक बनाए हुए है। सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया कि जनवरी से कोयला मंत्रालय विभिन्न राज्यों को अपने-अपने राज्यों में कोयला लेने और स्टॉक करने के लिए लिख रहा है।यह पता चला है कि मंजूरी मिलने के बावजूद कुछ राज्य सरकारें फैसलों पर अमल नहीं कर पाईं और उन्होंने कोरोना और बारिश को पर्याप्त कोयला खनन नहीं करने का एक कारण बताया।सभी राज्यों को कोल इंडिया को 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि बड़ी मात्रा में बकाया होने के बावजूद उऩ्हें कोयले की आपूर्ति जारी है और आगे भी यह बिजली और कोयले की आपूर्ति जारी रखेगी।
सतीश कुमार