अध्यक्ष शरद पवार ने कांग्रेस की तुलना सब कुछ गवां चुके एक जमींदार से कर विपक्षी एकता में दरार को उजागर कर दिया है। इस बयान से साफ है कि विपक्षी एकता के लिए सिर्फ भाजपा विरोध काफी नहीं है। कांग्रेस की तुलना जमींदार से यूं ही नहीं की है। इसके जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि विपक्षी एकता में कांग्रेस को अपनी भूमिका समझनी होगी। पवार के इस बयान से कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सहमत हैं। महत्वकांक्षा से जोड़कर भी देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद शरद पवार ने जून में विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए विभिन्न दलों की बैठक बुलाई थी।शरद पवार एक महत्वकांक्षी नेता हैं। उनकी कोशिश होगी कि पूरा विपक्ष उन्हें अपना नेता स्वीकार करे क्योंकि, जैसे ही पवार या ममता को एकजुट विपक्ष का नेता स्वीकार करते हैं।शिवसेना कई बार पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाने की मांग कर चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
सतीश कुमार (ऑपेरशन हेड, साउथ इंडिया)