बिहार मे शराबबंदी लागू होने के बाद ताड़ीबन्दी की खबर सुनकर पाशी समाज के लोगो का गुस्सा फूटा है। पटना में लोगो का जनाक्रोश देखने को मिला है। पटना गाँधी मैदान में पाशी समाज के लोगो ने धरना प्रदर्शन किया, पथराव भी किया उसके बाद पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया। पाशी के लोग चाहते है कि ये फैसला बदला जाए ताकि उनका रोजगार बना रहे नही तो पाशी समाज के लोग भूखे मरने के कगार पर आ जायेगे। पाशी समाज के लोगों ने यह प्रतिबन्ध हटाने की मांग की है। ताड़ीबन्दी के खिलाफ पटना में हजारो लोगों ने मिलकर आवाज उठाई है। पाशी समाज के लोगो का कहना है कि पुलिस उनका काम नही करने देती है अब नही चलेगा पुलिसिया जुल्म। पाशी समाज के लोग का प्रमुख व्यापार ताड़ी है। पाशी समाज के लोगो का कहना है कि यह हमारा पुश्तैनी व्यापार है इससे हमारा आजीविका चलती है, ताड़ी व्यापार बन्द होता है तो रोजगार मुहैया कराने की जरूरत है। नितीश कुमार ने पहले बिहार में शराबबंदी करवाई थी और जब शराब की कालाबाजारी होने लगी। अब ताड़ीबन्दी करके गरीबों के हाथ से ये काम भी छिना जा रहा है।
जीतनराम मांझी का कहना है कि ये फैसला सरकार को वापस ले लेना चाहिए। वही चिराग पासवान ने कहा कि ताड़ी व्यापार पाशी समाज के लाखो लोगों का व्यापार है तथा ताड़ी पेड़ से निकलने वाला पेय पदार्थ है इसे हम शराब नही कह सकते और ना ही शराब के श्रेणी में रख सखते है।
रिपोर्ट: वंशिका सिंह