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मूक-बधिर विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले इन्टरप्रेटर को मिलेगा दोगुना मानदेय

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय महाविद्यालय, जयपुर में मूक-बधिर विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अनुवादक व्याख्याकार (इन्टरप्रेटर) के पदों पर नियोजित कार्मिकों का मानदेय दोगुना करने का संवेदनशील निर्णय लिया है। उन्होंने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

प्रस्ताव के अनुसार, जयपुर स्थित राजकीय महाविद्यालय में मूक-बधिर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे तीन अनुवादक व्याख्याकारों को मानदेय राशि 250 रुपये प्रति कालांश से बढ़ाकर 500 रुपये प्रति कालांश की जाएगी। इस निर्णय से इन 3 इन्टरप्रेटर को देय अनुदान पर लगभग 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि व्यय होगी।

उल्लेखनीय है कि गहलोत ने राज्य बजट वर्ष 2021-22 में प्रदेश में अनुदानित स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से संचालित मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह, दृष्टि-बाधित विद्यालयों, विशेष विद्यालयों एवं छात्रावासों में कार्यरत मानदेय कार्मिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान राशि दोगुना करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा में राजकीय महाविद्यालय, जयपुर में कार्यरत अनुवादक व्याख्याकार शामिल नहीं थे। उन्होंने अब इन कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बजट राशि स्वीकृत करने का संवेदनशील निर्णय लिया है।

-निरंजन चौधरी, जयपुर।