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लाल किताब: बनना चाहते हैं अथाह धन संपत्ति के मालिक, तो करें ये उपाय

हर व्यक्ति धन-संपत्ति से परिपूर्ण परिपूर्ण रहना चाहता है। ताकि वह अपना जीवन सुख शांति के साथ बिताए। इसके लिए ज्योतिष में एक लाल किताब का सुझाव दिया जाता है। इस पुस्तक में धन की समस्याओं के बारे में भी कुछ उपाय बताए गए हैं। इसके अनुसार कुछ आसान टोटके व उपाय करने से आपके घर धन के भाग्य मार्ग खुल जाएगी। तो आइए जानते हैं धन संपदा के मार्ग खोलने के उपाय व टोटके जिसे करने से आप मालामाल हो जाएंगे_

प्रतिदिन सुबह उठे हैं और सबसे पहले अपने हाथों का दर्शन करें। दोनों हाथों का एक साथ दर्शन करने से मां सरस्वती, लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।

धन की देवी मां लक्ष्मी होती हैं। प्रत्येक शुक्रवार को लक्ष्मी जी की स्मरण कर कमलगट्टे की माला से बीज मंत्र श्रीं का जाप करें। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहेगा।

महाराज कुबेर धन के देवता माने जाते हैं। इसलिए अपने घर के मंदिर में कुबेर यंत्र को स्थापित करें। और रोजाना कुबेर मंत्र का जप करें।

शुक्रवार को अंध विद्यालय जाएं और 27 संतरे अंधे बच्चों को खिलाएं। ऐसा करने से धन लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

आर्थिक लाभ प्राप्ति के लिए रात में सोते समय पीतल के लोटे में जल एवं गाय का दूध मिलाकर सिर के पास रख लें। अगली सुबह इस मिश्रण को पीपल वृक्ष में अर्पण कर दें। यह उपाय 11 दिनों तक लगातार करें। इस प्रक्रिया को सोमवार के दिन से आरंभ करने से आर्थिक लाभ अवश्य होगा।

प्रत्येक शुक्रवार के दिन विष्णु लक्ष्मी के मंदिर में लाल फूल अर्पण करें । इसके अलावा माता लक्ष्मी की मूर्ति के समक्ष 11 दिनों तक तेल में अखंड ज्योत जलाएं । 11वें दिन 11 कन्याओं को भोजन कराएं। साथ हीं उन्हें दक्षिणा के रूप में एक सिक्का और एक मेंहदी दें। इस उपाय से आपके जीवन में आर्थिक लाभ अवश्य होंगे।

शुक्रवार के दिन को दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु जी का अभिषेक करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं। और आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

गुरुवार के दिन पीपल वृक्ष में घी के दीप जलाएं ।इसके अलावा सुगंधित अगरबत्ती भी लगाएं। ऐसा करने से धन का लाभ होगा।

गणेश जी के लिए प्रत्येक बुधवार के दिन बेसन के लड्डू भोग लगाएं। इसके अलावा मंदिर में 5 तरह के फल या गुड़ और चने का दान करें। ऐसा करने से धन की वृद्धि होगी और लाभ मिलेगा ।

प्रज्ञा भारती, बिहार।