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अपने सैनिकों को ज्यादा मजबूत और क्रूर बनाने के लिए जेनेटिक बदलाव कर रहा है चीन

इंटरनेशनल मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि चीन खुफिया तरीके से चूहों समेत कई जंतुओं के में बदलाव कर उनपर खतरनाक प्रयोग कर रहा है। वहीं अमेरिकी खुफिया एजेंसी के मुताबिक चीन केवल जीव-जंतुओं ही नहीं, बल्कि इंसानों में भी जेनेटिक बदलाव ला रहा है।जिस प्रक्रिया से चीन सैनिकों के बायोलॉजिकल छेड़छाड़ कर रहा है, उसे क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पेलिंड्रोमिक रिपीट्स के नाम से जाना जाता है।ये असल में एक डीएनए स्ट्रक्चर है, जो बैक्टीरिया आदि में होता है।अब तक इसका इस्तेमाल बीमारियों से बचाव के लिए होता था। साथ ही फसलों की ज्यादा उन्नत किस्म तैयार करने में भी इस तकनीक का उपयोग होता है। इससे संकर नस्लें पैदा होती हैं, जो बेहतर फसल देती हैं।इस वैज्ञानिक ने साल 2018 में ही सात जोड़ों के साथ ये जैविक प्रयोग किया था. इसके नतीजे सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। लेकिन अंदेशा जताया जा रहा है कि डीएनए में मिलावट से तैयार शख्स पूरी तरह से सेना के लिए काम का होगा। उसका दिमाग हमेशा आक्रामक तरीके से सोचेगा और शरीर भी उसी तरह का होगा।

सतीश कुमार, ऑपेरशन हेड साउथ इंडिया।