• Tue. Apr 23rd, 2024

वास्तु उपाय: वास्तु की ये चार बातें भगाएगी मन से नकारात्मकता, रहेगी सेहत ठीक

कोरोना महामारी ने संपूर्ण विश्व में प्रभाव डाला है। इसके कारण पूरा देश विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है। लेकिन इस दौरान वक्त ने हमें यह सिखा दिया कि हमलोगों को इस परिस्थिति में ना तो केवल आर्थिक रूप से बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप से भी निजात पाने के लिए जीवन में तत्पर रहना चाहिए। हर व्यक्ति चाहता है अपने घरों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हीं चाहता है। क्योंकि नकारात्मकता घर की सुख-शांति का माहौल भंग करता है। यदि आप चाहते हैं आपके घर-परिवार में सुख शांति बनी रहे, तो वास्तु शास्त्र में कुछ उपाय मौजूद हैं। जिसे अपनाने से घर में समृद्धि , संपन्नता एवं खुशहाली आती है। इसके लिए आपको अपने आम जीवन में कुछ परिवर्तन लाना होगा। ऐसा करने से आपकी स्वास्थ्य भी हमेशा नियमित रहेगी और आप दीर्घायु होंगे। आइए जानते हैं आम जीवन में अपनाये जाने वाले वास्तु उपाय:


उगते सूरज को करें प्रणाम

सूर्य उपनिषद में बताया गया है कि सूर्य की किरणों में सारे देव , गंधर्व एवं ऋषि गण वास रहता है । सूर्य की आराधना के बिना किसी का कल्याण नहीं होता फिर वह चाहे कोई महान देवता ही क्यों ना हो। प्रतिदिन सुबह उठकर नित्य कर्मों के बाद भगवान सूर्य को जल देकर उन्हें नमस्कार करें। इससे उत्तम संतान, विद्या, वैभव, तेज, धन-धान्य , आरोग्य, लंबी आयु और सौभाग्य आदि की प्राप्ति होती है ।साथ ही घर का वास्तु दोष भी समाप्त होता है। सूर्य ग्रह पूर्व दिशा का स्वामी होता है। और धन-संपत्ति, आरोग्य व ऐश्वर्य प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है। सूर्योदय से पहले इनसे निकलने वाली लालिमा अनंत गुणधर्मों वाली ऊर्जा से युक्त होती हैं। इसी वजह से वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। सकारातत्मक ऊर्जा का मुख्य द्वार पूर्व दिशा ही है।
चिकित्सक विज्ञान में भी सूर्य की किरणों का अत्यधिक महत्व बताया जाता है। सूर्य की किरणे कई हानिकारक कीटाणुओं का नाश करती हैं। इसलिए सुबह की धूप सेहत के लिए सबसे अच्छा बताया जाता है। सुबह की किरणे जब हमारे शरीर पर पढ़ती है तो इससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर में विटामिन ” डी ” का निर्माण करती है। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व और उत्तर की दिशा को अधिक खुला या फिर खिड़कियां और दरवाजे रखने की परामर्श दी जाती है। ताकि हर सुबह सूर्य की किरणे घर और आंगन में प्रवेश करे और रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु घर में ना पनप सके।

साफ सफाई
घर की अच्छे से साफ सफाई ना होने के कारण कई बार घर में धूल-मिट्टी, गंदगी या दीवारों आदि पर जाले लग जाते हैं। जिससे कीटाणु को पनपने की जगह मिल जाती है।धूल, मिट्टी , गंदगी , जाले आदि नकारात्मकता का प्रवाह कराती हैं। ऐसे में समय-समय पर दीवारों को साफ करना चाहिए। अक्सर हम देखते हैं कि घरों में किसी कोने पर मकड़ी के जाले लग जाते हैं। जिससे घरों में तनाव और निराशाजनक जैसी माहौल उत्पन्न हो जाती है। दीवारों पर थूकना व गंदी हाथों को उसपर पोछना यानी इस पर दाग धब्बे लगाना दरिद्रता का परिचायक होता है। हमेशा स्वच्छ रहें । साफ सफाई पर नियमित ढंग से ध्यान देते रहें।
इसके अलावा जूते चप्पल इधर-उधर बिखरे होने से घर में कलह-क्लेश का आगमन होता है। घर में कभी भी टूटे-फूटे बर्तन, घड़ी, कांच ,खिलौने आदि बेकार सामान ना रखें। क्योंकि इससे नकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है। हमेशा घर साफ सुथरा रखने से घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है। और मन की शांति भी बनी रहती है।

पेड़ पौधे लगाएं:

पेड़ पौधे प्रकृति द्वारा दिए गए ऐसे अनमोल उपहार हैं जो व्यक्ति को जीवित रखने में सहायक होता है यानी पेड़ पौधे जीवो को प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। इसके साथ साथ पर्यावरण से अशुद्धियों को दूर कर इसे असंतुलित होने से बचाए रखते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के खुले जगहों में छोटे पौधे जैसे तुलसी, गेंद , मनी प्लांट ,पुदीना, हल्दी आदि पौधे लगाने चाहिए। ये सभी पौधे घर के वास्तु दोष को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह पौधे वायु को शुद्ध कर ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाते हैं। जिससे घर के आसपास का वातावरण शुद्ध होता है। और परिवार के सदस्यों की सेहत भी अच्छी बनी रहेगी। हरियाली देखने से मन की शांति बनी रहती है और हृदय हमेशा प्रसन्न रहता है। इससे तनाव भी दूर होते हैं।

भजन कीर्तन

घर में रोज सुबह शाम भजन कीर्तन अवश्य करें। और पूजा करते समय घंटी बजाते हुए मीठे स्वर में स्वयं भी भजन गाये। इससे घर की नकारात्मकता दूर होगी और सुख शांति के वातावरण का संचार होगा। इसके अलावा पूजा के बाद घर में शंख जल का छिड़काव करने से भी वास्तु दोष दूर होते हैं। तथा ईश्वर का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। सुबह शाम हर रोज घर के मंदिर में घी के दीप प्रज्वलित करने से नकारात्मकता दूर होती है।

प्रज्ञा भारती, बिहार।