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एसबीआई की ऐसी स्कीम जो देती है कम पैसों में ज़्यादा ब्याज और गारंटीकृत कमाई

मुंबई: स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया को भारत का सबसे बड़ा और भरोसेमंद बैंक माना जाता है। ज़्यादातर लोग अपने पैसों की बचत के लिए इस बैंक की अलग-अलग योजनाओं में अपने पैसे निवेश करके रखते हैं। यह स्कीम गारंटीकृत रिटर्न और सुरक्षित निवेश के लिए बेहतर मानी जाती है। एसबीआई की एन्युटी डिपॉजिट स्कीम एक अच्छा विकल्प है उन लोगों के लिए जो एक ऐसी स्कीम की तलाश में हैं जिसमें एक बार पैसे लगाने के बाद आपको एक नियमित निश्चित आय मिलती रहे।

आपको एसबीआई की इस स्कीम में एकमुश्त पैसा जमा करना होता है। आपको उसके बाद ब्याज के साथ गारंटीकृत कमाई होती है और वो भी हर महीने। एन्युटी डिपॉजिट स्कीम का यह फायदा है कि इसमें हर महीने ग्राहक को प्रिंसिपल अमाउंट के साथ ब्याज भी दिया जाता है। खाते में जमा राशि पर हर तिमाही ब्याज की गणना में कम्पाउंडिंग किया जाता है।

आपको बता दें कि जो ब्याज बैंक के टर्म डिपॉजिट यानि एफडी पर मिलता है उतना ही ब्याज इस स्कीम में डिपॉजिट पर मिलता है। गौरतलब है कि एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में आपको अपनी जमा की गई राशि पर बचत खाते से ज़्यादा ब्याज दिया जाता है इसकी जानकारी एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध की गई है।

इस स्कीम में न्यूनतम राशि 1000 रुपये मंथली एन्यूटी के हिसाब से जमा करना होगी, अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। इस स्कीम के तहत 120 या 36, 60, 84 महीने के लिए निवेश किया जा सकता है। इसमें आपको यूनिवर्सल पासबुक भी जारी की जाती है और वो भी बैंक की और से।

इस स्कीम में अगले महीने निर्धारित तारीख़ से एन्यूटी का भुगतान किया जाएगा। अगर किसी महीने वह तारीख़ नहीं है, तो उसके अगले महीने की एक तारीख़ को एन्यूटी मिलेगी। अगर कभी भी आपको जरुरत पड़े तो आप बैलेंस अमाउंट के 75 फ़ीसदी तक की राशि ओवरड्राफ्ट कर सकते हैं। एसबीआई की यह स्कीम आपकी ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए तैयार की गई है।एन्यूटी का भुगतान टीडीएस काटकर चालू अकाउंट या लिंकड़ सेविंग्स अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा।

यह स्कीम एसबीआई की सभी ब्रांचों में उपलब्ध है। आप किसी भी नज़दीकी ब्रांच में जाकर रजिस्टर करवा सकते हैं अगर आप एन्युटी डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना चाहते हैं। इसमें व्यक्तिगत नॉमिनेशन की सुविधा भी उपलब्ध की गई है। इस अकाउंट की ज्वाइंट या सिंगल होल्डिंग हो सकती है। स्कीम के अकाउंट को बैंक की एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर भी कराया जा सकता है। जमाकर्ता की मृत्यु हो जाने पर इस स्कीम को समय से पहले बंद किया जा सकता है।

आशीष ठाकुर – हिमाचल प्रदेश