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चीन ने बदला जासूसी कानून, विदेशी कंपनियों की बढ़ी मुश्किलें

बीजिंग: चीनी जनवादी गणराज्य की रबर-स्टैंप संसद ने पिछले सप्ताह ही देश के जासूसी वाले कानून में बदलाव को पारित किया, सरकार के इस कदम से विदेशी कंपनियों तथा चीन में कार्य करने वाले लोगों के लिए कानूनी संकट पैदा हो सकता है।

यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित समझी जाने वाली किसी भी प्रकार की जानकारी के हस्तांतरण पर रोक लगाता है। डीडब्ल्यू ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हवाले से लिखा है कि संशोधित कानून, जो जुलाई माह में लागू होगा। यह जासूसी की परिभाषा का फैलाव करता है और राज्य के अंगों या ज़रूरी सूचना मूल ढांचे के विरुद्ध साइबर हमलों को सम्मलित करेगा।

यह चीनी अफसरों को डेटा, विद्युतीय यंत्र तथा निजी जायदाद पर जानकारी तक पहुंच पाने व जासूसी विरोधी जांच करते वक़्त सीमा पार करने पर रोक लगाने की अनुमति देता है। साइबर हमले को जासूसी के कामों के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है। वर्ष 2014 में कानून जारी किए जाने के पश्चात् से चीन का जासूसी से निपटने वाले कानून में यह प्रथम बड़ा अपडेट है।

कानून के विद्वान टेंग बियाओ ने कहा कि यह संशोधन चीन में रंग की क्रांति या एक मशहूर, लोकतंत्र साथ देने वाले विद्रोह को उकसाने वाले विदेशियों के गहरे भय को दिखाता है। उन्होंने कहा कि कानून आचरण में, नाखुशों, कार्यकर्ताओं व नागरिक संस्था गुटों पर एक और लगाम कसेगा। चीन और पश्चिम देशों के मध्य बढ़ते भू-राजनीतिक और व्यापारिक मतभेदों के मध्य कानून विदेशी लोगों और चीन में क्रियात्मक के लिए सुरक्षा संकटों को भी बढ़ाता है।

जासूसी के शक में चीनी तथा विदेशी लोगों को किया गिरफ्तार

हाल के सालों में, चीन द्वारा जासूसी के शक में दर्जनों चीनी व विदेशी लोगों को गिरफ्तार किया गया, जैसे कि जापानी दवा निर्माता एस्टेलस फार्मा में कार्य करने वाले को पिछले माह ही चीन की राजधानी बीजिंग में गिरफ्तार कर लिया गया था। चीन के अफसरों ने पिछले माह संयुक्त राज्य अमेरिका की कॉरपोरेट ड्यू डिलिजेंस कंपनी मिंट्ज ग्रुप के बीजिंग कार्यालय को बंद कर दिया गया और पांच स्थानीय कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इसके अतिरिक्त पिछले सप्ताह, यूएस कंसल्टिंग फर्म बैन एंड कंपनी ने कहा कि चीन की पुलिस ने शंघाई में अपने कार्यालय में काम करने वालों से पूछताछ की। चीन में अमेरिका के राजदूत निकोलस बर्न्स ने चीन में संशोधित हुए कानून पर कहा कि यह मुमकिन श्रम जैसे सुव्यवस्थित व्यावसायिक कामों को कानून विरोधी बना सकता है।

चीन की सरकार देश में लाना चाहती है ज़्यादा विदेशी निवेश

कानून में संशोधन भी ऐसे वक़्त में आया है जब चीन की सरकार चीन में ज़्यादा विदेशी निवेश को लुभाने का प्रयास कर रही है, क्योंकि पश्चिमी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में अनेकता लाने और निवेश योजनाओं को दक्षिण पूर्व एशिया, भारत गणराज्य और दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में शीघ्रता से स्थानांतरित करने का प्रयास कर रही हैं। विदेशी व्यापार गुटों ने भी चेतावनी दी है कि इस नए कानून से लोगों के अपने मन के मुताबिक बाहर निकलने पर रोक लगाने के संकट में वृद्धी कर सकता है।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश