• Thu. Apr 25th, 2024

रामचरित मानस पर विवादित बयान आने के बाद IAS संजय दीक्षित ने रखा अपना मत

राजस्थान कैडर के 1986 बैच के IAS अधिकारी हैं संजय दीक्षित जो कि सोशल मीडिया पर एक लेखक की पहचान भी रखते हैं। वो द प्रिंट व स्वराज्यमग के लिए कॉलमिस्ट भी हैं। जबकि राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। साथ ही राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं। वैसे तो ब्राह्मणों ने जातियाँ बनाई नही है। ये खुद समय के साथ अपने आप बन गई है। लेकिन मान लिया कि उन्होंने ही बनाई है तो फायदा किसका हुआ? पहले के जमाने मे कमाने खाने के लिए सरकारी नौकरी तो होती नही थी। ब्राह्मणों ने पूरा फर्नीचर व्यवसाय बढ़ई को दिया। रियल सेक्टर कुम्हार को दिया। लेदर का व्यवसाय चर्मकार को दिया। डिलीवरी का व्यवसाय भी चर्मकार को दिया। दूध का व्यवसाय यादव को दिया। टेक्सटाइल का दर्जी को दिया। हथियार का व्यवसाय लुहार को दिया। बर्तन का ठठेरे को दिया। पत्तल का बारी को दिया।सूप का धरिकार को दिया। चूड़ी व्यवसाय मलिहार को दिया। मीट का अपने अन्याय कैसे किया । IAS संजय दीक्षित ने कहा की सनातन धर्म ने तो रविदास ,कबीर ,वाल्मीकि, इन सभी को ब्राह्मण का दर्जा दिया गया है जाति पाती तो संविधान में पूछा जाता है स्कॉलरशिप मे राशन वितरण इत्यादि मे जातिवाद किया जाता है। इसके अलावे उन्होंने सनातन धर्म के तारीफ में बहुत से तथ्य रखे। उन्होंने कहा यहाँ सब कर्म से महान होते है ना की जाति से।

रिपोर्ट: वंशिका सिंह