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संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान पर बुलाई बैठक, तालिबान को नहीं दिया निमंत्रण

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को मध्य-पूर्व के मौजूद एक अरब देश क़तर राज्य में अफगानिस्तान को लेकर एक बैठक बुलाई। यह बैठक क़तर की राजधानी दोहा जहां पर तालिबान का मुख्यालय है वहां पर बुलाई गई। इस बैठक में भारत गणराज्य कई देशों के मुख्य दूतों के साथ भाग ले रहा है। बैठक का मकसद अफगानिस्तान में अनौपचारिक रूप से शासन कर रहे तालिबान के साथ बातचीत करने हेतु एक आम समझ को विकसित करना है। आपको बता दें कि इस बैठक में अफगान तालिबान की सरकार को सम्मलित नहीं किया गया है।

महासचिव के कार्यालय से जारी एक नोट में कहा गया है कि बैठक का मकसद कई तरह के मुद्दों पर तालिबान के साथ कैसे जुड़ना है, इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अंदर एक आम समझ को हासिल करना है। नोट में यह भी कहा गया कि भारत बैठक में भाग लेने वाले देशों और संगठनों में शामिल है।

बैठक में 25 देश ले रहे भाग

अफगानिस्तान पर बैठक में चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, नॉर्वे, पाकिस्तान, क़तर, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, उज्बेकिस्तान, यूरोपीय संघ और इस्लामी सहयोग संगठन भाग ले रहे हैं।

एंटोनियो गुटेरेस के कार्यालय द्वारा जारी की गई जानकारी में यह कहा गया कि इस आयोजन का मकसद मानवाधिकार, खास तौर पर औरतों और लड़कियों के अधिकार, शासन की व्यवस्था, आतंकवाद को रोकना और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय संपर्क और बातचीत में नए सिरे से ऊर्जा का संचार करना है।

अफगानिस्तान में हालत बेहद खराब

15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई अशरफ़ घनी की सरकार को गिराकर तालिबान ने तख्तापलट कर वहां की सत्ता अपने हाथों में ले ली। उसके पश्चात् अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए बेहद मुश्किल स्थिति पैदा हो गई, साथ ही सार्वजनिक और रोज़मर्रा की जिंदगी मतलब नौकरी में उनकी भागेदारी को रोका गया। इसके अलवा औरतों को संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के लिए कार्य न करने के आदेश जारी हुए। रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में 2 करोड़ 90 लाख लोग मानवीय सहायता पर निर्भर हैं।

पिछले सप्ताह ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा था कि गुटेरेस ने क़तर के दोहा में बैठक करने हेतु तालिबान को न्योता नहीं दिया है। भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पिछले माह अप्रैल में कहा था कि भारत दोहा की बैठक को “सकारात्मक” ढंग से देख रहा है तथा 1 और 2 मई से आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेने का आह्वान करेगा।

आपको बता दें कि डॉ एस जयशंकर ने पिछले माह अप्रैल में संयुक्त राज्य के मुख्यालय में महासचिव गुटेरेस से मिले थे तथा गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन गणराज्य की नौ दिन की यात्रा के लिए दक्षिण अमेरिका जाने से पूर्व सूडान गणराज्य में चल रहे संघर्ष की हालत पर भी चर्चा की थी।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश