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हिमाचल प्रदेश में टूटे बारिश के कई रिकॉर्ड

शिमला: हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के मध्य बुधवार को मूसलाधार बारिश हुई, जिसने मई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बार मई के महीने में सामान्य से 84 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। साल 2004 के पश्चात् तीसरी बार मई में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। मई में छः बार पश्चिमी विक्षोम (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) सक्रिय हुआ। पूरे प्रदेश में 116 मिलीमीटर वर्षा हुई। इस  अवधि में 63.3 मिलीमीटर बारिश को सामान्य करार दिया जाता है। महीने में 15 दिन प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश और आठ दिन बूंदाबांदी तथा आठ दिन मौसम साफ रहा। वहीं, जिला ऊना पहली बार इतना ठंडा रहा।

बुधवार को प्रदेश की 77 सड़कें बंद रहीं। सिरमौर में 44, चंबा में 22, कुल्लू में 11 व बिलासपुर में 1 सड़क पर ट्रैफिक बंद रहा। कुल्लू-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग और सोलन जिले में कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (एनएच-5) पर कई स्थानों पर पहाड़ियों से पत्थर और मलबा सड़क पर आने से यातायात बीच-बीच में रुकता रहा। वहीं वर्षा के साथ-साथ पहाड़ों की चोटियों पर हिमपात से अधिकतम तापमान 15 प्रतिशत गिरने से मई में ठंड हो गई। मूसलाधार बारिश के कारण चंबा में आठ बिजली के ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए। कुल्लू के बंजार की जीबी घाटी में बिजली के तार टूटने से तकरीबन 12 गांव अंधकार में डूब गए।

सिरमौर जिले में मई माह में सबसे ज्यादा मेघ बरसे। जिला में सामान्य से 295 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई। सोलन में सामान्य से 256, कांगड़ा में 141, बिलासपुर में 138, ऊना में 129, कुल्लू में 128, मंडी में 101, शिमला में 95, हमीरपुर में 77, चंबा में 69 व लाहौल-स्पीति में 28 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा हुई। जिला किन्नौर में सामान्य से तीन प्रतिशत कम मेघ बरसे। अप्रैल महीने में सामान्य से 62 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई थी। मार्च माह में सामान्य से 41 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई थी। मई महीने में गर्मी तीन-चार दिन से ज्यादा महसूस नहीं हुई। ऊना, धौलाकुआं में केवल तीन बार अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार गया।

मई में प्रदेश का औसतन तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के इर्दगिर्द रहा। ज्यादातर गर्मी से झुलसाने और पसीने छूटाने वाले मई में इस बार ठंड बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के पास साल 2004 से मौजूद आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 में 28 तथा साल 2016 में 5 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी। अन्य वर्षों में सामान्य से कम ही मेघ बरसे। उधर, मार्च से लेकर मई तक इस साल सामान्य से 19 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई। प्रदेश में 286.9 मिलीमीटर वर्षा हुई। इससे पूर्व साल 2015 में इस दौरान 30 प्रतिशत से ज्यादा बादल बरसे। उस वक्त 318 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। मई माह के दौरान प्रदेश में पांच दिन कई इलाकों में हिमपात और आठ दिन ओलावृष्टि भी हुई।

हिमाचल प्रदेश में अभी मौसम और खराब रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4 जून तक प्रदेश में बारिश व अंधड़ का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। कई हिस्सों में अंधड़ चलने का येलो अलर्ट जारी हुआ है।

अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश