काबुल: भारत गणराज्य ईरानी इस्लामिक गणराज्य की मदद से इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान के आम लोगों को गेंहू की आपूर्ति कर अपनी नरम शक्ति को ताकतवर कर रहा है। जिससे पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र दरकिनार हो चुका है। इस बात को निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के एक प्रवक्ता ने हाल ही में सूचित करते हुए कहा कि आने वाले महीने में अफगानिस्तान में 20,000 मैट्रिक टन गेहूं की भारत से मदद आने वाली है।
यह मार्च माह में भारत द्वारा ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए गेहूं को अफगानिस्तान तक पहुंचने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करेगा। इस बार भारत ने पाकिस्तान को दरकिनार करते हुए अपना माल ईरान की सीमा को पार करके अफगानिस्तान के हेरात इलाके में भेज दिया है। जबकि पिछली बार भारत ने पाकिस्तान के रास्ते उनकी कुछ शर्तों को मानते हुए गेहूं की खेप को अफगानिस्तान एक पहुंचाया था। अपको बता दें कि अफगानिस्तान में 1.9 करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं जिससे भुखमरी की समस्या बन गई है।
संयुक्त राष्ट्र की ‘हंगर हॉटस्पॉट्स’: एफएओ-डब्ल्यूएफपी अर्ली वार्निंग ऑन सीवियर फूड इनसिक्योरिटी’ नाम की एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि पाकिस्तान में चल रहे खाने की समस्या आने वाले महीनों में और अधिक गहरा सकती है। इस रिपोर्ट को फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) और संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की ओर से तैयार किया गया है।
भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान को लेकर निक्केई एशिया जो की एक जापानी समाचार प्रकाशन है जिसने तीनों इलाकों को लेकर वैश्विक विश्लेषण पेश किया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्लूएफपी) के हम उन क्षेत्रों में सहायता हेतु प्रतिबद्ध हैं जहां पर भूख के कारण लाखों लोगों की जिंदगी को खतरा है। परंतु भारत का योगदान गौर करने वाला है। यह निर्णय न केवल अफगानिस्तान को सहायता प्रदान कर रहा है बल्कि इलाके में भारत की स्थिति को मजबूत भी कर रहा है।
अमन ठाकुर – हिमाचल प्रदेश