यूक्रेन की स्थिति पर बैठक से पहले चीन के प्रक्रियागत मतदान के खिलाफ मत देने और इसमें भारत, केन्या एवं गैबॉन के अनुपस्थित रहने पर संयुक्त राष्ट्र में एक रूसी राजनयिक ने ”मतदान से पहले अमेरिकी दबाव के बावजूद डटे रहने” पर चारों देशों को शुक्रिया अदा किया।अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए भी खतरा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर इसे जिम्मेदार बनाने का दायित्व है। यदि पूर्व साम्राज्यों को बल से अपने क्षेत्र फिर से हासिल करना शुरू करने का लाइसेंस मिल जाए, तो दुनिया के लिए इसका क्या अर्थ होगा? यह हमें एक खतरनाक मार्ग पर ले जाएगा। मॉस्को की कार्रवाई ने यूक्रेन पर आक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमले की योजना बना रहा है। अमेरिका के अनुरोध पर हुई बैठक के लिए परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी। रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने भाग नहीं लिया। फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित परिषद के 10 अन्य सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया।
सतीश कुमार